३१ ऑक्टोबर २०२१

ट्रेनिंग के वो दिन...

कही पंछि को पिंजरे से प्यार ना हो जाए
और वो पिंजरे में ही ना रह जाए;
उसे उडना ही उचे आसमान मे था
इसलीय ही शायद ये समय एक ही साल का था।

यहा हर जगह 
ऊस कँटीन के पास
वहा गेट से थोडा दूर
ऊस छत्री के नीचे
या कहो तो उस इंजिन के उप्पर
तेरे और मेरे कही किस्से है
कुछ तेरे तो कुछ मेरे हिस्से है।

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा

सुखी होण्याचं गुपित

          "द अल्केमिस्ट" या पुस्तकाबाबत स्पर्धा परीक्षेच्या एका डेमो लेक्चर मध्ये ऐकायला मिळाले. म्हटलं वाचूया हे पुस्तक पण आपल्या...